रविवार, 25 मई 2014

लड़के कभी बलात्कार नहीं करते हैं



"लड़के कभी बलात्कार नहीं करते हैं" -वे देर रात क्लब जाती हैं, छोटे कपडे पहनती हैं, नाचती हैं, शराब पीती हैं, लडको को देखती हैं मुस्कुराती हैं उन्हें उकसाती हैं…. वरना लड़के कभी बलात्कार नहीं करते हैं. -वो जब स्कूल बस से घर आती हैं, बरसात में भीग जाती हैं, वो अपने बैग के लैस से खेलती हैं, अपने बालो को सवारती है, बरसात में भीग जाने से उसके पारदर्शी कपड़ो से उसके अंतर्वस्त्र दिखते हैं, उन्हें देख कर कोई भी बहक सकता हैं, वरना लड़के कभी बलात्कार नहीं करते हैं. -वो सुनसान सड़क पर अकेली चलती हैं, तंग कपडे पहनती है, लिपस्टिक लगाती हैं, गहरा काजल लगाती है, ये सब वे पुरुषो को आकर्षित करने के लिए ही तो करती हैं, वे केवल आकर्षित होते हैं, वरना लड़के कभी बलात्कार नहीं करते हैं. - वो देर रात मूवी देखने जाती हैं, अपने बॉय फ्रेंड के साथ जाती हैं. इतनी रात भला वो अपने बॉय फ्रेंड के साथ मूवी देखने क्यों जायेगी? बदचलन ही होगी. अपने बॉय फ्रेंड के साथ सोई होगी और भी न जाने कितनो के साथ सोई होगी. उसे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं. फर्क नहीं पड़ता इसीलिए करते हैं… वरना लड़के कभी बलात्कार नहीं करते. - वो केवल दस साल की हैं, दस साल की उम्र में इतने नखरे! आजकल के माँ- बाप बचपन से ही बच्चो को बिगाड़ने में लगे हैं. और ऊपर से किसी भी अजनबी से घुल मिल जाती हैं. कितनी नादान लड़की, कितने पागल माँ- बाप… बस इसी नादानी और पागलपन की सजा दी थी.… वरना लड़के कभी बलात्कार नहीं करते. - वो तो उसकी बीवी ही हैं और खुबसूरत भी हैं. क्या हुआ जो आज उसका मुड नहीं हैं और उसकी तबियत ख़राब हैं? मजा तो उसे भी आएगा. क्या हुआ जो थोडा सा रोएगी. पति को इतना सा हक़ तो हैं ही. अब पत्नी के साथ भी भला बलात्कार हुआ… लड़के कभी बलात्कार नहीं करते हैं. -- लड़के कभी बलात्कार नहीं करते हैं. लड़कियां ही होती हैं जो उन्हें उकसाती हैं. लड़कियां खुद ये चाहती हैं तभी तो छोटे कपडे पहनती हैं. मेक अप करती हैं. लडको को आकर्षित करती हैं. उन्हें इसमें मजा आता हैं. क्या हुआ जो वो रोती हैं, चीखती हैं चिल्लाती हैं कुछ तो बेवकूफ मर भी जाती है. लड़के हैं इतना हक़ तो बनता हैं. वरना लड़के कभी बलात्कार नहीं करते हैं. {कृष्णा प्रशांत जी की अंग्रेजी पोस्ट से प्रेरित} #blog

शनिवार, 10 मई 2014

सड़क

सड़के हैं, बनी हुई हैं और नयी बनाई जा रही हैं। टूटती हैं तो मरम्मत होती हैं और वापस बरसात में टूट जाती हैं। सडको को फर्क नहीं पड़ता की कौन उन पर चलता हैं, वो सबके लिए एक जैसी रहती हैं काली सी, डामर वाली या कुछेक खड्डो वाली। लेकिन उन पर चलने वालो को फर्क पड़ता हैं। जब उनकी अपनी सड़क हैं तो वे दुसरो की सड़क पर क्यों चले?उन्हें अच्छा लगता हैं जब कोई दूसरा उनकी सड़क पर चलता हैं लेकिन वे दूसरो की सड़क पर नहीं चलेंगे। डर भी सताता हैं कि कोई अतिक्रमण न करले। उन्हें भय सताता हैं कि कहीं दूसरा अपनी सड़क उनकी सड़क के ऊपर से न गुजार दे...कोई चौराहा न बन जाए....फ्लाईओवर कतई बर्दास्त नहीं किये जा सकते हैं। उन्हें रक्षा करनी हैं अपनी वाली सड़क की...भले ही इसके लिए अपनी सड़क खोद्नी ही क्यों न पड़े? हमारे बाप दादाओ ने जो बनाई हैं.....ये सड़क इतने प्यार से हमारे लिए भला हम कैसे दुसरो को ले जाने दे और उनकी सड़क पर चलने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता...आखिर हमारी वाली में क्या बुराई हैं? हम भूल जाते हैं कि जब सड़के बनाई जा रही थी तो हमारे बाप दादा और उनके बाप दादा दोपहर में एक साथ बीच वाले पेड़ की छाँव में बैठ कर खाना खाते थे। हम सडको पर पड़े हैं, लड़ रहे हैं झगड़ रहे हैं लेकिन हम कही जा नहीं रहे हैं। हम भूल गए हैं कि ये सड़के हमें कहीं ले जाना चाहती हैं और सब एक ही जगह जाती हैं। हम धर्म के पीछे पड़े हुए हैं पर भूल गए हैं कि धर्म केवल एक रास्ता हैं, मंजिल नहीं.... #blog

शुक्रवार, 9 मई 2014

एकता का विचार

हमने पूछा नेता जी से ‘अनेकता में एकता, आप नारा लगाते हैं, कृपया बताएँ इसके क्रियान्वयन-हेतु आपने अब तक क्या किया ? तो नेताजी बोले ‘अभी तो इसके प्रथम चरण से गुज़र रहे हैं, लोगो कि मानसिकता का हरण कर रहे है, एकता भी लायेगे एक दिन, सर्वप्रथम अनेकता लाने का प्रयास कर रहे । #himanshu #blog

मंगलवार, 6 मई 2014

अबकी बार.....ठाकुर

-आज की शोले- गब्बर- ठाकुर बोल 'अबकी बार.....' ठाकुर-नही गब्बर नही बोलूगा.... गब्बर-बोलना तो पडेगा!! बोल ठाकुर ठाकुर बोल वरना... ठाकुर-वरना क्या गब्बर! मेरे हाथ काट देगा तो काट दे, पर मै नही बोलूँगा.... गब्बर-वरना हम तुम्हे राहुल गाँधी के भाषण वाली सीडी दिखाएंगे...पुरे 24 घंटे तक... ठाकुर- अबकी बार मोदी सरकार...अबकी बार मोदी सरकार... #blog (Himanshu Vora)

राहुल का नया नारा

भारतीय जनता पार्टी के नारे 'अबकी बार मोदी सरकार' के जवाब मे राहुल गाँधी जी ने एक नया नारा दिया है- . . . ... 'अबकी बार भोंदी सरकार' #blog#

सोमवार, 5 मई 2014

पुराने गानों की जुगाली

रेडियो सीटि पर एक गाना चल रहा है ! मेरे पंसदिदा गानो मे से एक "किसी कि मुस्कुराहटो पे हो निसार. किसी का दर्द मिल सके ते ले उधार . किसी के वास्ते हो तेरे दिल मे प्यार जीना इसी का नाम है " मुझे ठिक से याद नही पर बचपन मे यह गाना हर रोज टीवी के किसी चैनल पर आता था. चैनल का नाम भूल गया अब तो पर जब भी यह गाना सुनता हू आखो के सामने राज कपूर जी आ जाते है एक ब्लेक एंड वाईट इमेज चलने लगती है जिसमे राज कपूर जी गाना गाते हुऐ लोगो मदद करते हुऐ आगे बढते है कही किसी अंधे को रास्ता पार करा दिया किसी सडक किनारे बैठे गरीब से कुछ मीठी गोलिया लेकर आगे जाकर किसी छोटे बच्चे को दे दि बडा हि सच्चा चित्रण लगता है उस समय कि सोच और आज कि सोच का अंतर सिर्फ इतना है अब मान्यताये बदल गयी है हमारी आपकि जीवन कि जरूरते बदल गयी है शायद अब आप और मे जो चाहते है जो पाने कि ख्वाहिश रखते है वो कुछ ज्यादा बडि ओर शायद कभी कभार विशालकाय होति है जो पूरा ना होने पर हम खुद को हर किसी से तौल बैठते है और हताशा और निराशा को अपना लेते है कि जीवन मे अब कुछ बचा हि नही पाने को पैसा चाहिये हर एक को जितना मिले उतना कम है ! हा मानता हू कि पैसा भगवान नही तो क्या भगवान से कम भी नही. पर क्या आप आज के समय मे विचार कर भी सकते है कि मदद किस तरह कि जा सकती है शायद नही क्योकि अब चाहिये बडा घर, बडि गाडि,बडा बैँक बैलेँस और बहुत सारा तनाव,टेँशन,चिँता ताकि आप इन सब के पा लेने के बावजूद एक कप मिठि चाय भी ना पी सके शायद मै भी इसी श्रेणी मे आता हू सफल होने कि महत्वकांक्षा या अतिमहत्वकांक्षा कि उस बिमारी से ग्रस्त हू अब शायद उस गाने कि आगे कि पक्तिया अच्छी लगती है "माना अपनी जेब के फकिर है फिर भी यारो दिल के हम अमीर है ,के मर भी किसी को याद आयेगे.................... " #blog #himanshu

रविवार, 4 मई 2014

बस स्टेंड की दुनियां

आप इस देश के किसी भी कोने से बस मे बैठिये ओर जब आप बस के चलने का इंतजार करते है ! तब आपका ध्यान चाईना के किसी मोबाईल मे तेज आवाज मे बजते हुऐ अलताफ राजा के "जा बेवफा जा हमे प्यार नही करना" गाने पर जाता है तब उसी बस कि आखिरी पिछे वाली सीट पर एक लौँडा पीला शर्ट, लाल पेँट,नीला चश्मा ओर टोपि लगाये जरूर बैठा मिल जायेगा जिसके शर्ट या टी शर्ट पर अग्रेजी मे कुछ लिखा होता है जिसका उसे मतलब तक पता नही होता गले मे गन या तलवार या चैन कुछ अजीब सा पहने होता है जिसे वो लोगो को दिखाना चाहता है इसलिये बाहर रखता है ! पेँट जो होति है वो कमर कि बेचारी दो हड्डियो पर टिकि है ! इस वजह से पेँट उसके लाल जूतो के नीचे आकर घीस घीस कर फट चुकि है जूते के उपर मिकि माउस का स्टिकर चिपका हुआ है और वो मुह मे गुटखा दबाये खिडकि के पास बैठा होता है ताकि थूकने मे आसानी हो.एक हाथ मे शायद रबड का बैँड होता है दूसरे मे लाल या काले रंग का धागा उसने पूरी कलाई पर लपेटा होता है वही हाथ के उपर दिल का एक टैटू होता है और उसमे उसकि एकलौती गर्लफ्रेड का नाम होता है जो उसे छोड कर जा चुकि है और वो शायद उसी गम मे अलताफ राजा के गाने सुनकर खुद का गम दूर और दूसरो को सिरदर्द देता है ! यह सब देखने के बाद आपकि जल कर राख हो जाति है ओर आप चुपचाप अपनी सीट पर बैठ जाते है और मन मे बुदबुदाते हुऐ कहते है "जहा जाओ चु*ये मिल जाते है" इस सब के बिच आप अपने पडौस मे बैठि कन्या कि तरफ देखना भी भूल जाते है ! और वो लडकि यह सोच कर परेशान होति है कि काश आज मैने अपना फेवरेट वाला ब्लू सूट पहना होता । :D :p ;( ;) #himanshu #blog