आँखे भले हम मीच ले,
पर दिन तो न ढलता हैं।
सुबह-अख़बार-चाय और कहना,
सब ऐसे ही चलता हैं।
यह चक्र हैं दुनिया गोल हैं
सब वही पर आता हैं।
जो करता वो भी भरता हैं,
जो देखे वो भी चुकाता हैं।
सूरज को दीपक दिखाते,
और अंधियारी रात करते हैं।
हम कद में छोटे सही,
बड़े ख़यालात करते हैं।
कोई हो शहंशाह घर का,
हम डट कर मुलाकात करते हैं।
छोटा मुंह हैं,
मगर बड़ी बात करते हैं।
मंगलवार, 6 मई 2014
राहुल का नया नारा
भारतीय जनता पार्टी के नारे 'अबकी बार मोदी सरकार' के जवाब मे राहुल गाँधी जी ने एक नया नारा दिया है- . . . ... 'अबकी बार भोंदी सरकार' #blog#
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