बुधवार, 30 अप्रैल 2014

विशेषणों की निम्नता

नए नए विशेषण गढ़े जा रहे हैं, विशेषणों की निम्नता के स्तर में नित नए बदलाव किए जा रहे हैं,संशोधन और समर्थन किए जा रहे हैं...! आश्चर्य होता है कि दोयम दर्जे की भाषा के इस्तेमाल से मस्तिष्क की समग्र कुंठा उड़ेलते हुए, निम्नतम राजनीतिक शिष्टाचार प्रदर्शित करने की चरम प्रतिस्पर्धा दिखाने वाले 'नेतागण' किस प्रकार के संविधान मे विश्वास करते हैं और आम जन के बीच कैसे मुँह दिखाते हैं...? जिस आमजन के प्रतिनिधि होने का ये दावा करते हैं वो तो सिर्फ चकित और विषादग्रस्त है इनके आचरण से...!!! . #blog

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