बुधवार, 2 अप्रैल 2014

यार की शादी

प्रथम दृश्य
अंतरे को याद करने में असमर्थ गवैया बार-बार मुखड़े
को दोहराया जा रहा हैं। ढोलवाला ऐसे
ढोल को पीट रहा हैं जैसे पड़ोस के गाँव को हमले
की सुचना देनी हो। कीबोर्ड
वाला जानता हैं उसको कोई नहीं सुनने वाला हैं
वो अपनी ही धुन बजाये जा रहा हैं।
घोड़ी वाला पिछली चार रातो से
नहीं सोयी घोड़ी को हंटर मार मार कर नचा रहा हैं। इन
सब
से बेखबर बाराती मिट्टी उड़ाते हुए नाचते जा रहैं हैं।
दिल्ली वाले चाचाजी पर्याप्त
खातिरदारी नहीं होने की शिकायत करते शादी छोड़कर
चले गए। दूल्हा जो माँ के दबाव में
घोड़ी चढ़ने को तैयार हुआ था मुंह लटकाए बैठा हैं।
....और दुल्हन का बाप सोच रहा हैं
कि क्या इसी बकवास के लिए मैंने
लाखो का खर्चा किया था?
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द्वितीय दृश्य
दुल्हे की बारात द्वार पर आ चुकी हैं, दुल्हे के गले में
दो मालाएं X बना रही हैं, हाथ में
तलवार ऐसी लग रही हैं मानो दुल्हन को जंग में जीत
कर लाना हो। दुल्हे के मोबाइल पर
जो की बहना के हाथ में हैं Mamiji Indore के
"Jaan plz ek baar baat karlo...."
वाले मेसेज आ रहे हैं।(भला हो Pattern Lock का)
वैसे भी बहना Hike का प्रशिक्षण लेने
में व्यस्त हैं।
घोड़ी को भड़काते हुए धमाके करते हुए पटाखे छोड़े
जा रहे हैं। उन पटाखो के बचे हुए
कागजो पर बाराती "ये देश है वीर जवानों का" की धुन
पर
अवसरवादी देशभक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। दुल्हे
का भाई सोच रहा हैं कि काश
वो भी 15 दिन की छुट्टी लेकर डांस क्लास अटेंड कर
लेता तो आज इस मुए राज
को दिखा देता, बड़ा माइकल जैक्सन बन रहा हैं। दुल्हे
का बाप सोच में हैं कि फ्रीज़
तो पहले से ही था 32" वाली LED ही मांगनी चाहिए
थी। दुल्हे की माँ सोच रही हैं
कि 20000 और जोड़ कर वो लखनवी हार ले
लेती तो बात ही अलग होती।
अन्दर दुल्हन परेशान हो रही हैं लेकिन पसीना तक
नहीं आ सकता क्योंकि मेकअप ख़राब
होता हैं। उसका Whats App status तो वैसे
भी Last Seen 05/02/2014 हो रखा हैं।
दुल्हन कि माँ फ़िक्र में हैं लड़की कभी आठ बजे से
पहले ही नहीं उठी पता नहीं ससुराल में
क्या करेगी? दुल्हन का बाप कोने में कुर्सी पर
बैठा जल्दी जल्दी से खाना ठूस रहा हैं
पता नहीं बाद में मिले कि नही?
...और मैं जो की दोस्त के साथ Unofficialy इस
शादी में आया हूँ extra काउंटर पर इन
सबसे दूर पानीपूरी गटकते हुए सोच रहा हूँ कि हो न
हो यह नीली ड्रेस वाली 11th क्लास
की रीमा ही हैं।
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तृतीय दृश्य
दुल्हन विवाह के लिए मंडप में बैठ चुकी है.
साड़ी पहनने की आदि न होने के कारण घूँघट के
अन्दर पसीने में तरबतर है. दूल्हा चाचाजी के लाख
मना किये जाने के बावजूद भी पटियाला सूट पहनकर
आ गया है. दुल्हन का प्रेमी जो बात बात पर नस काट
लेने की धमकी देता रहता हैं जेब में ब्लेड लिए दुल्हन
को घूरते हुए मंडप के आस पास घूम रहा है. उसे
गुस्सा इस बात का था कि उसने जिस लड़की के लिए
उसने अपनी सगाई तोड़ी थी वो किसी और की होने
जा रही है. उसने कई बार दुल्हन
को डराया भी था कि देख लेना गुंडे ' 'टाइप'
लड़का का हैं. लड़की की जिसके साथ दस साल तक
सगाई रही थी वो बेचारा घर पर बैठा बैठा ''मुबारक
हो तुमको ये शादी तुम्हारी'' वाले गाने सुन रहा हैं. उसे
माँ ने जैसे तैसे समझाया हैं "तु काहे फिकर करता हैं
तुझे तो उस जैसी हजारों मिलेगी."
दुल्हन का बाप इस चिंता में आधा हुआ जा रहा हैं
कि बात तो 5,00,000 की हुई थी, ये अचानक
नैनो कहाँ से आ गयी?
दुल्हे के उस टाइप के दोस्त शादी में बिरयानी और
पिने की व्यवस्था न होने के चलते शादी छोड़ के
जा चुके है. बचे हुए मित्र ताड़कासुर बने
अपनी नेत्रज्योति ठीक कर रहे हैं. बारातियों में से
आधे "बेबी डोल मैं सोणे की…" पर अपना पुरुषत्व
खतरे में डाल रहे हैं और आधे पेट फाडू खाने के बाद
कुर्सियां तोड़ रहे है.
और हम नीली ड्रेस वाले से बतियाते बतियाते ''…तो तू
व्हाट्सएप्प यूज़ नहीं करती हैं क्या?" वाले डायलोग के
सहारे नंबर लेने का जुगाड़ बिठा रहे हैं.

ps- कृपया लेख को किसी भी राजनितिक परिपेक्ष में
न देखे दिक्कत हो सकती हैं।

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