स्विट्जरलैण्ड के ऊपर से गुजरते वक़्त
हेलीकॉप्टर से नीचे झांक रहे रजनीकांत
का पर्स जिस बिल्डिंग पर गिरा, वह आज
स्विस बैंक के नाम से पहचानी जाती है।
वहां रखे पैसे को काला धन कहा जाता है।
वैसे, जितना काला बताया जा रहा है,
रजनीकांत उतने भी काले नहीं। फिर इस धन
के काले होने क़ी इतनी हवा काहे उडी है।
बाबाजी का ठल्लू
आँखे भले हम मीच ले, पर दिन तो न ढलता हैं। सुबह-अख़बार-चाय और कहना, सब ऐसे ही चलता हैं। यह चक्र हैं दुनिया गोल हैं सब वही पर आता हैं। जो करता वो भी भरता हैं, जो देखे वो भी चुकाता हैं। सूरज को दीपक दिखाते, और अंधियारी रात करते हैं। हम कद में छोटे सही, बड़े ख़यालात करते हैं। कोई हो शहंशाह घर का, हम डट कर मुलाकात करते हैं। छोटा मुंह हैं, मगर बड़ी बात करते हैं।
शुक्रवार, 25 जुलाई 2014
स्विस बैंक की हकीकत
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