सोमवार, 4 अगस्त 2014

चोर

"चोर" बस अपनी मंथर गति से आगे बढ़ रही थी. कुछ लोग ऊंघ रहे थे, कुछ आपस में बाते कर रहे थे, तो कुछ बस खिड़की से बाहर झाँक रहे थे. कंडक्टर गेट पर खड़ा सवारियों उतार और चढ़ा रहा था. बस एक स्टेशन पर रुकी और अचानक एक 10-12 साल की लड़की बस में भागते हुए चढ़ी और पीछे ही पीछे सीट पर जाकर दुबक गई. बिल्कूल जर्जर हालत में थी, फटे हुए कपडे, रूखे बाल, कई दिनों से धोया हुआ चेहरा, शायद कोई भीख मांगने वाली होगी. बस आगे बढ गई. सब अपने हाल में मगन हो गए. अगले स्टेशन पर बस रुकी. दो मुस्टंडे बस में चढ़े. "कहाँ गयी वो, इसी बस में तो चढ़ी थी?" "हाँ, हाँ, मैंने भी देखा था, यही बस थी" "कौन चाहिए?" कंडक्टर ने पूछा. "वो चोर साली, मेरे घर से चोरी कर के भागी हैं" "हाँ एक लड़की आई तो थी, शायद पीछे गयी होगी" तीनो ने पीछे नज़र गुमाई लेकिन कोई नज़र न आया. "ये यहाँ हैं, सीट के नीचे हैं" पीछे से एक आदमी चिल्लाया और वो दोनों बिजली की गति से पीछे पहुंचे. "निकल बाहर…" दोनों में से एक आदमी सीट के नीचे अन्धाधुन लाते मारने लगा. वो लड़की रोने चिल्लाने लगी लेकिन बाहर नहीं आई. तभी कंडक्टर आया और नीचे झुक कर बोला "देख छोरी! बाहर आ जा वरना बहुत मारेंगे" "नहीं मैं नहीं आउंगी" लड़की रोते हुए बोली. इस पर कंडक्टर ने उसका हाथ पकड़ा और बाहर खीच लिया. "मैं नहीं जाउंगी'' कहते हुए वो एक पढ़े लिखे आदमी के पीछे छिप गई. "लड़की सीधे तरीके से चली जा वरना पुलिस में दे देंगे" एक आदमी बोला. "पुलिस में दे दो… लेकिन मैं नहीं जाउंगी" "कैसे नहीं आएगी तू हमें जानती हैं की नहीं" मुस्तंड़ो में एक बोला और खींच कर बाहर ले गया. उनके बाहर जाते ही कंडक्टर ने राहत की सांस ली. चलो बला टली और बस वापस अपनी गति से बढ़ने लगी. ------ अगले दिन अखबार में खबर थी, "एक लड़की की लावारिश लाश सड़क किनारे मिली" फोटो छपी थी, हाँ वही थी. शायद बलात्कार भी हुआ था लेकिन गरीब की इज्जत इतनी ज्यादा नहीं हैं कि लुटने पर अखबार में छापी जाए. अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था. उस बस मैं पचास लोग थे, कुछ शिक्षित भी, पर एक की भी हिम्मत नहीं हुई जो पूछता की माजरा क्या हैं? अगर चोरी हुई थी चोरी का सामान कहाँ था, लड़की तो खाली हाथ थी. उसे सबके सामने लाते-घूंसे पड़ते रहे पर एक की हिम्मत न हुई की उस आदमी को रोक सके. सब तमाशबीन थे. शायद बस मैं उस एक लड़की को छोड़ कर बाकी सब "चोर" थे. -Sumit K. Menaria

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