मंगलवार, 12 अगस्त 2014

तुम नास्तिक कैसे बने?

"तुम जानते हो जब तुम किसी से बेइम्तेहा प्यार करते हो और उसके बेवफा होने के बाद फिर उतनी ही नफरत, तब तुम वास्तव में उससे उतनी नफरत नहीं कर पाते। प्यार दफनाया जा सकता हैं मारा नहीं जा सकता। तुम उस शख्स से नफरत करते हो लेकिन उससे जुडी बाते, यादे सब तुम्हे अच्छी लगती हैं। वह बीज जो दफनाया जाता हैं पौधा बन जाता हैं। जब वो शख्स तुम्हारे सामने आता तुम नजरे फेर लेते हो लेकिन उसके जाने के बाद उसे देखते रहते हो। प्यार शायद ऐसा ही होता हैं...." ."....लेकिन मैंने तुमसे पूछा था कि तुम नास्तिक कैसे बने?" -सुमीत मेनारिया

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